लखनऊ के मलिहाबाद में सलाउद्दीन उर्फ लाला के घर पर रेड, कारतूस और असलहों का जखीरा बरामद

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ChatGPT Image Jul 1, 2025, 01_06_03 AM

उर्फ लाला के घर पर छापा मारकर भारी मात्रा में कारतूस और अवैध असलहों का जखीरा बरामद किया। पढ़ें पूरी खबर।लखनऊ के मलिहाबाद में सलाउद्दीन उर्फ लाला के घर पर रेड, कारतूस और असलहों का जखीरा बरामदलखनऊ के मलिहाबाद क्षेत्र में उस समय हड़कंप मच गया जब स्थानीय पुलिस ने एक गुप्त सूचना के आधार पर इलाके के एक पुराने निवासी सलाउद्दीन उर्फ लाला के घर पर छापा मारा। छापेमारी की यह कार्रवाई कई घंटों तक चली, जिसमें पुलिस ने भारी मात्रा में अवैध असलहे, कारतूस, देसी कट्टे, पिस्तौल और हथियार बनाने का कच्चा माल बरामद किया।गुप्त सूचना से खुला राजपुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि सलाउद्दीन उर्फ लाला, जो कि क्षेत्र में पहले से ही आपराधिक गतिविधियों में लिप्त माना जाता रहा है, अपने घर में अवैध हथियारों की सप्लाई और निर्माण का धंधा कर रहा है। सूचना मिलते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में एक विशेष टीम गठित की और मलिहाबाद के उस मोहल्ले की घेराबंदी की जहाँ सलाउद्दीन का घर स्थित है।छापेमारी में मिला हथियारों का भंडारछापेमारी के दौरान पुलिस को जो कुछ मिला, उसने सभी को चौंका दिया। सलाउद्दीन के घर से निम्नलिखित सामग्री बरामद की गई:4 देसी पिस्तौल2 रिवॉल्वर1 कारबाइनलगभग 500 जिंदा कारतूसहथियार बनाने की मशीनेंगोलियों के खोल, बारूद, ट्रिगर और अन्य पुर्जेकुछ विदेशी हथियारों की कॉपी भीइन सभी बरामद वस्तुओं को पुलिस ने जब्त कर लिया और घर को सील कर दिया गया। मौके पर फारेंसिक टीम को भी बुलाया गया जिसने सभी साक्ष्यों को सुरक्षित किया।सलाउद्दीन का आपराधिक इतिहाससलाउद्दीन उर्फ लाला कोई नया नाम नहीं है। पुलिस रिकॉर्ड में पहले से ही उसके खिलाफ कई गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। उसमें हत्या, हत्या का प्रयास, अवैध हथियार रखने, और धमकी देने जैसे अपराध शामिल हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि सलाउद्दीन इलाके में लंबे समय से हथियारों का कारोबार कर रहा था, लेकिन उसे पकड़ना मुश्किल था क्योंकि वह बेहद शातिर तरीके से काम करता था।पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारीछापेमारी के दौरान सलाउद्दीन मौके पर नहीं मिला। पुलिस को शक है कि उसे रेड की भनक पहले ही लग गई थी और वह फरार हो गया। हालांकि, पुलिस ने उसके परिवार के कुछ सदस्यों से पूछताछ की है और कुछ संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया है। साथ ही, लखनऊ और आस-पास के जिलों में उसकी तलाश के लिए टीमें रवाना कर दी गई हैं।पुलिस अधिकारियों ने जानकारी दी है कि जल्द ही सलाउद्दीन को पकड़ लिया जाएगा और पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो हथियार बरामद हुए हैं, उनमें कुछ की सप्लाई प्रदेश के अन्य जिलों में होने की संभावना है।राजनीतिक सरंक्षण पर भी उठे सवालस्थानीय लोगों और सूत्रों की मानें तो सलाउद्दीन को कुछ राजनीतिक दलों का भी संरक्षण प्राप्त था। इसी कारण वह सालों से अवैध कारोबार में लिप्त होने के बावजूद बचता रहा। पुलिस अब इस ऐंगल से भी जांच कर रही है कि क्या उसे किसी स्तर पर संरक्षण प्राप्त था और कौन-कौन लोग इसमें शामिल हैं।मलिहाबाद में दहशत का माहौलरेड के बाद मलिहाबाद क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया है। लोग घरों से कम ही निकल रहे हैं और पुलिस की मौजूदगी पूरे क्षेत्र में बनी हुई है। स्कूल-कॉलेजों के आसपास भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।सरकार का बयानप्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने इस कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि योगी सरकार अपराध और अपराधियों के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले में भी जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो।विशेषज्ञों की रायअपराध विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं दर्शाती हैं कि उत्तर प्रदेश में अभी भी अवैध हथियारों का नेटवर्क सक्रिय है। यदि समय रहते ऐसे मामलों का पर्दाफाश नहीं किया जाए तो यह राज्य की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं।आगे की जांच और संभावनाएंपुलिस ने यह भी संकेत दिए हैं कि यह रेड किसी बड़ी श्रृंखला की एक कड़ी हो सकती है। हो सकता है सलाउद्दीन किसी बड़े गिरोह का हिस्सा हो जो पूरे उत्तर भारत में अवैध हथियारों की तस्करी करता हो। इसके लिए पुलिस अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर जांच को आगे बढ़ा रही है।जनता की भूमिकाइस पूरे मामले में स्थानीय लोगों की सूचना और सहयोग अहम भूमिका में रहा। पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि यदि किसी को किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि का पता चले, तो तत्काल पुलिस को सूचित करें। आपकी एक सूचना किसी बड़ी दुर्घटना को रोक सकती है।निष्कर्षमलिहाबाद में सलाउद्दीन उर्फ लाला के घर हुई इस छापेमारी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि अपराधी चाहे कितने भी चालाक हों, कानून के हाथ लंबे होते हैं। लखनऊ पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई ने न सिर्फ क्षेत्र को एक बड़े खतरे से बचाया है बल्कि अन्य आपराधिक तत्वों को भी एक स्पष्ट संदेश दिया है।अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि सलाउद्दीन कब गिरफ्तार होता है और उसके नेटवर्क में कौन-कौन लोग शामिल पाए जाते हैं। यह मामला भविष्य में उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में भी इसी तरह की कार्रवाई का आधार बन सकता है।

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